सूर्य का प्रकाश जब वायुमंडल में प्रवेश करता है तो वायुमंडल में उपस्थित धूल कण के कारण इसका अवशोषण होकर यह बिखर जाता है। यह बिखरा हुआ प्रकाश, नीला व बैगनी रंग का होता है।
नीले रंग का प्रकीर्णन, बैगनी रंग के प्रकीर्णन की तुलना में 10 गुना अधिक होता है। इसलिए आकाश का रंग हमें नीला दिखाई देता है।