राजा महेंद्र प्रताप स्वतंत्रता सेनानी, पत्रकार, लेखक व क्रांतिकारी थे, उन्होंने “प्रेम” और “निर्बल सेवक” नामक दो समाचार पत्र शुरू किये। 1915 में उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान में भारत के बाहर पहली निर्वासित सरकार शुरू की।
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में सबसे पहले सूरत प्रेसीडेंसी की स्थापना की, इसके अतिरिक्त पूर्व में जावा में बन्तम प्रेसीडेंसी थी, जहाँ पर कप्तान लंकास्टर में फैक्ट्री स्थापित की थी।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का विभाजन 1907 में गर्म दल और नर्म दल में हुआ था। एनी बेसंट के प्रयासों के कारण 1916 में कांग्रेस का एकीकरण हुआ। एनी बेसंट ब्रिटिश सामाजिक कार्यकर्ता, महिला अधिकारों की समर्थक, लेखिका व वक्ता थीं।
प्लासी की लड़ाई 23 जून, 1757 में अंग्रेजों और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच हुई थी। इस लड़ाई में अंग्रेजों का नेतृत्व रोबर्ट क्लाइव ने किया था। इस लड़ाई में अंग्रेजों की निर्णायक विजय हुई।
वोमेश चन्द्र बेन्नर्जी को अध्यक्षता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली बैठक बॉम्बे में 1885 में हुई थी। इस बैठक में उच्च शिक्षा प्राप्त वकील, व्यापारी और जमींदार शामिल थे, इसमें 72 सदस्यों से हिस्सा लिया था।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री रेमसे मैकडोनाल्ड ने 16 अगस्त, 1932 को कम्युनल अवार्ड की घोषणा की थी। इस अवार्ड के अंतर्गत अल्पसंख्यक समुदाय के लिए अलग प्रतिनिधित्व की व्यवस्था की गयी थी।
राष्ट्रीय उदारवादी संघ की स्थापना 1919 में कांग्रेस के नर्म दल के नेताओं द्वारा की गयी थी। तेज बहादुर सप्रू, वी.एस. श्रीनिवास शास्त्री और एम.आर. जयकर इस पार्टी के सदस्य थे।
भारत के तिरंगे झंडे को संविधान सभा ने 22 जुलाई, 1947 को स्वीकार किया था, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद राष्ट्रीय ध्वज पर तदर्थ समिति के अध्यक्ष थे। इस झंडे को पिंगली वेंकया ने डिजाईन किया था।